Bhaktimaal.com एक हिंदी ब्लॉग है जो हर उम्र के लोगों के लिए है। भक्तिमाल का शाब्दिक अर्थ तो कुछ और भी हो सकता है पर यहाँ ‘भक्ति की माला’ की ओर संकेत किया गया है ।
Bhaktimaal Hindi Blog की शुरुआत पौराणिक कथाओं को छोटे छोटे आर्टिकल्स के माध्यम से लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से किया गया है ताकि वे सनातन इतिहास और संस्कृति से सरल भाषा में अवगत हो सकें।
इंटरनेट पर पौराणिक कहानियों , देवी देवताओं के स्तोत्र आदि से सम्बंधित आर्टिकल्स की कमी नहीं है। पर हमने एक चीज की विशेष रूप से कमी देखी है, और वो है कथाओं की प्रामाणिकता एवं भाषा की शुद्धता।
कुम्भकरण ने अपनी तपस्या पूर्ण होने के बाद ब्रह्मा जी से गलती से इन्द्रासन की जगह निन्द्रासन मांग लिया था। इस प्रकार एक अक्षर की गलती से भी अर्थ का अनर्थ हो जाता है। Bhaktimaal में हमारी ये कोशिश है कि हम अपने पाठकों को सभी कंटेंट प्रामाणिकता के साथ शुद्ध से शुद्धतम रूप में उपलब्ध कराएँ।
आप यहाँ नियमित रूप से धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए नए नए पोस्ट पढ़ पाएँगे । आप सब लोगों के सहयोग की अपेक्षा रहेगी। धन्यवाद।
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