महालक्ष्मी अष्टकम हिंदी अर्थ सहित | Mahalakshmi Ashtakam Lyrics In Hindi

महालक्ष्मी अष्टकम ( लक्ष्मी अष्टक / महालक्ष्म्यष्टक ) देवराज इन्द्र द्वारा रचित माता लक्ष्मी को समर्पित एक स्तोत्र है, इसका उल्लेख पद्म पुराण में हुआ है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से साधक महालक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य संपन्न हो जाता है, उसके महान पातकों और शत्रुओं का नाश हो जाता है। ॥ महालक्ष्मी अष्टकम … Read more

कल्याण वृष्टि स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Kalyan Vrishti Stotra In Hindi

कल्याण वृष्टि स्तोत्र या षोडशी कल्याण स्तोत्र की रचना भगवान शंकराचार्य द्वारा की गयी है। षोडशी श्रीविद्या के मूलमंत्र के प्रत्येक अक्षर पर आधारित इस स्तोत्र में सोलह श्लोक हैं। साधक इसका प्रतिदिन पाठ करें तो उनका परम कल्याण अवश्यम्भावी है। पाठकों के लिये इसका हिंदी अर्थ भी दिया गया है। ॥ कल्याण वृष्टि स्तोत्र … Read more

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Mahishasur Mardini Stotram In Hindi

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र ( Aigiri Nandini … ) देवी के एक स्वरुप से जुड़ा हुआ स्तोत्र है। यह बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है, मान्यताओं के अनुसार इसके पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता और उसके सभी प्रकार की परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। ॥ महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र ॥ अयि … Read more

श्री गंगा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Ganga Stotram Lyrics In Sanskrit / Hindi

श्री गंगा स्तोत्र पुण्यसलिला माता गंगा को समर्पित एक स्तोत्र है, इसकी रचना आदिगुरु शंकराचार्य जी ने की थी। यह स्तोत्र सुन्दर पदावलियों से युक्त और बहुत ही मधुर है। जो भक्तिपूर्वक इसका पाठ करता है उसके सभी प्रकार के रोग, शोक, पाप, ताप का नाश हो जाता है और वह सब प्रकार से सुखी … Read more

सिद्ध सरस्वती स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Siddha Saraswati Stotram In Hindi

सिद्ध सरस्वती स्तोत्र माता सरस्वती की उपासना के लिये अत्यंत उपयोगी और प्रभावशाली स्तोत्र है। इस स्तोत्र की रचना स्वयं ब्रह्मा जी के द्वारा की गयी है। बीजमन्त्रों से युक्त यह स्तोत्र विद्यार्थियों के लिये बहुत लाभदायक है। ॥ श्री सिद्ध सरस्वती स्तोत्र ॥ ध्यानम् दोर्भिर्युक्ताश्चतुर्भिः स्फटिकमणिमयीमक्षमालां दधानाहस्तेनैकेन पद्मं सितमपि च शुकं पुस्तकं चापरेण।या सा … Read more

नील सरस्वती स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Neel Saraswati Stotram In Hindi

नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ शत्रुओं का नाश करने वाला एवं विद्या प्राप्त कराने वाला है। नील सरस्वती की साधना तंत्रोक्त विधि से की जाती है। ये दस महाविद्याओं में से एक हैं। ॥ नील सरस्वती स्तोत्र ॥ घोररूपे महारावे सर्वशत्रुभयङ्करि।भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणागतम्। ॥1॥ अर्थ – भयानक रूपवाली, घोर निनाद करनेवाली, सभी … Read more

श्री सूक्त हिंदी अर्थ सहित | Shri Suktam In Hindi

श्री सूक्त या श्री सूक्तम महालक्ष्मी की उपासना के लिए ऋग्वेद में वर्णित एक स्तोत्र है। श्री सूक्त का पाठ महालक्ष्मी की प्रसन्नता एवं उनकी कृपा प्राप्त कराने वाला है साथ ही व्यापार में वृद्धि, ऋण से मुक्ति और धन प्राप्ति के लिए भी इसका पाठ तथा अनुष्ठान किया जाता है। श्रद्धा एवं विश्वास के … Read more

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Daridraya Dahan Shiv Stotram

दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र वसिष्ठ ऋषि के द्वारा रचित स्तोत्र है जो दरिद्रता का मूल रूप से नाश करने में सक्षम है। व्यापार में उन्नति और कर्ज से मुक्ति के लिए इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए क्योंकि जैसा इस स्तोत्र का नाम है वैसा ही इसका फल है। ॥ दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र … Read more

श्री कनकधारा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Kanakadhara Stotram In Hindi

कनकधारा स्तोत्र की रचना आदिगुरु शंकराचार्य जी ने की थी। कनकधारा का अर्थ होता है स्वर्ण की धारा, कहते हैं कि इस स्तोत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके उन्होंने सोने की वर्षा कराई थी। सिद्ध मंत्र होने के कारण कनकधारा स्तोत्र का पाठ शीघ्र फल देनेवाला और दरिद्रता का नाश करनेवाला है। इसके … Read more

श्री सरस्वती स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Saraswati Stotram In Hindi

ज्ञान और विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा में श्रद्धा – भक्ति के साथ श्री सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना अत्यन्त लाभदायक है। ॥ श्री सरस्वती स्तोत्र ॥ या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥ अर्थ – जो कुन्द के फूल, चन्द्रमा और बर्फ … Read more

शिव तांडव स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Shiv Tandav Stotram In Hindi

शिव तांडव स्तोत्र ( Shiv Tandav Stotram Meaning In Hindi ) अत्यंत प्रभावशाली शिव स्तोत्र है, जिसके नित्य पाठ से भगवान शिव की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस तांडव स्तोत्र की रचना लंकापति रावण के द्वारा की गयी थी। रावण परम विद्वान और महान शिवभक्त था। उसने भगवान शिव को अपनी कठोर … Read more